भारत की सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया गया था जिसके तहत सभी गली के कुत्तों को शेल्टर होम में भेज दिया जाएगा। ऐसा करना आदमियों के लिए तो कुछ हद तक अच्छा हो सकता है लेकिन इन बेजुबान कुत्तों के लिए यह काफी गलत साबित होगा। भारत के अंदर आज भी कहीं सारी गौशाला है तुम गौशाला की हालत काफी ज्यादा खराब है बहुत सारी गौशालाएं ऐसी है जहां पर ठीक से रखरखाव नहीं होता है जबकि गाय को लेकर हमारी अलग ही रास्ता है जब सोचिए गायों का ही अच्छी तरीके से ख्याल नहीं रखने जा रहा है तो फिर आवारा कुत्तों का कहां से शेल्टर में अच्छी तरीके से ख्याल रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से और ज्यादा जुल्म होगा कुत्तों के साथ
सुप्रीम कोर्ट को ऑर्डर की वजह से कुत्तों को शेल्टर होम में भेज दिया जाएग। वर्तमान समय में पूरे भारत में ऐसे शोल्डर हम मौजूद नहीं है। जहां पर इतने सारे कुत्तों को रखा जा सके आंकड़े निकलकर सामने आए हैं, कि अकेले दिल्ली में ही करीब 10 लाख से भी ज्यादा कुत्ते मौजूद है। 10 लाख कुत्तों को रखने के लिए कितनी बड़ी जगह की आवश्यकता होगी या आप आसानी से समझ सकते हो।
शायद शेल्टर होम के लिए कुछ जरूरी ढांचा की भी जरूरत पड़ेगी तो ज्यादातर जगह इतना ढांचा ही नहीं जहां पर कुत्तों को आसानी से सुख सुविधाओं से रखा जा सके फिर जब आप इतने बड़े स्तर पर कुत्तों को इकट्ठा करोगे तो आपको उनके लिए खाने की भी व्यवस्था करनी होगी देखा जाए तो लगभग 1 दिन में करीब-करीब 10 लाख कुत्तों के लिए करीब करीब 10 लख रुपए का खर्चा होगा और हमें नहीं लगता है कि जो वर्तमान समय में सरकार है वह इतना खर्च करने के लिए तैयार है यह हमने कम से कम खर्च जाना है एक दिन का एक कुत्ते का खर्चा यदि ₹5 भी है तो 10 लाख कुत्तों का एक दिन का खर्च करीब करीब 1.5 करोड रुपए के आसपास होगा।
यानी की 1 वर्ष में कुत्तों के लिए करीब करीब सरकार को 20 करोड रुपए खर्च करने होंगे इसी के अलावा उनकी देखरेख के लिए भी आदमियों की व्यवस्था होगी तो उसके लिए आप 5 करोड रुपए की लागत अतिरिक्त आएगी भारत में ऐसे 28 से भी ज्यादा राज्य है। तो 1 वर्ष में सरकार को करीब करीब 700 करोड रुपए से भी ज्यादा खर्च करने होंगे कुत्तों की अच्छी तरीके से देखभाल करने के लिए सवाल यह है क्या सरकार इतने पैसे खर्च करेगी नहीं वहां पर कुत्तों के साथ में और ज्यादा अत्याचार होता भूख की वजह से कई सारे कुत्ते मर जाएंगे कुत्ते आपस में लड़ेंगे और एक दूसरे को काटकर खाने लगेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने चाहिए निर्णय दिया है वह कुत्तों के साथ में और ज्यादा कुर्ता करने लायक है। कुत्तों को शेल्टर होने में रखना यह उनके लिए एक जेल से में रहने जैसा अनुभव साबित होगा। इस प्रकृति में सभी प्राणियों को आजादी प्रधान करी गई है लेकिन सुप्रीम कोर्ट प्रकृति के नियम के खिलाफ जा रही है। इसलिए सभी को मिलकर आवाज उठाना जरूरी है।