भारत के अंदर एक दौर रहा है पूरे मुगल साम्राज्य का इस दौरान कुछ घटनाएं ऐसी भी है जो कि बच्चों को किताबों में बिल्कुल भी नहीं पढ़ाई गई है और लोगों से बिल्कुल इन बातों कुछ छुपाया गया है क्योंकि सभी को इन बातों के बारे में नहीं बताया जा सकता था। लेकिन कुछ इतिहासकारों ने इस घटना के बारे में वर्णन करते हुए बिल्कुल खुलकर बात करी है जिसे सुनकर आपको भी बेचैनी होने लग जाएगी। उसके अंदर से एक बात यह निकाल कर आती है कि रात होते ही रानियां की बेचैनी काफी ज्यादा बढ़ जाती थी लिए समझते हैं कि इसका क्या कारण था।
आखिरकार क्यों बढ़ जाती थी रात को 9:00 बजते ही रानियां की बेचैनी
यदि आपको मुगल हराम शब्द का मतलब पता नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए बता दे मुगल साम्राज्य के समय रानियां के लिए एक अलग से महल बनाया जाता था इसके अंदर राजा महाराजाओं की महारानियां रहती थी रानियां के इस महल को ही मुग़ल हरम के नाम से जाना जाता था। आपको जानकर हैरानी होगी। कहीं इतिहासकारों ने वर्णन किया है कि मुगल राजाओं के सैकड़ो रनिया हुआ करती थी और उनकी सेवाओं में दिन-रात करीब 5000 से भी ज्यादा महिलाएं और किन्नर हुआ करती थी। मुगल हराम की विशेष बात यह थी कि यहां पर केवल महिलाएं और किन्नर ही आ जा सकते थे और यदि कोई पुरुष आता था तो केवल वह मुगल राजा हुआ करते थे इनके अलावा कोई दूसरा पुरुष इस मुगल हरम में नहीं आता था। Feed
Mughal Harem Stories मुगल हरम में रात को 9:00 बजे ही रानियां की बेचैनी इस वजह से बढ़ जाया करती थी। क्योंकि रात के समय में रोजाना राजा मगल हरम में आया करते थे। और उन्हें जो रानी सबसे ज्यादा पसंद आई थी। उसके साथ में वह समय बिताया करते थे। इसलिए रानियां में जल्दबाजी से तैयार होने की हर बड़ी मची रहती थी जिसकी वजह से उनकी बेचैनी और ज्यादा बढ़ जाया करती थी।
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