ज्यादातर किसान शिक्षित नहीं है जिसके कारण उन्हें जीएसटी का मतलब समझ में नहीं आ रहा है लेकिन अब इस बात को सुनकर उन्हें आसानी से जीएसटी का काम समझ में आ जाएगा आप बाजार से जो भी चीज खरीदने हो उन पर आपको एक टैक्स देना होता है आप जो बाजार से खाद बीज कीटनाशक सभी खरीद कर लाते हो उन पर आपको एक खास जीएसटी देना पड़ता था लेकिन अब सरकार में उसे जीएसटी को काफी कम कर दिया है।
जिसकी वजह से अब आपकी जेब पर काफी ज्यादा बचत होने वाली है मात्र बीजेपी में ही नहीं बाकी और खाद उर्वरक को कीटनाशक को दवाइयां में भी आपको काफी ज्यादा बचत होने वाली है क्योंकि इन सभी पर सरकार ने मात्र आपके लिए 5% का जीएसटी लगा दिया है। तो बाकी का सवाल ही होता है कि आखिरकार नहीं जीएसटी के बाद में आपको कितना फायदा होने वाला है डीएपी पर तो आई फिर ज्यादा देर ना करते हुए जीएसटी के बाद में डीएपी की नई कीमतों के बारे में जानते हैं।
नई जीएसटी के बाद में डीएपी की रेट
नई जीएसटी के बाद में डीएपी की कीमतों में काफी ज्यादा भयंकर बदलाव देखने को मिला है जिसकी वजह से किसानों की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है इस कीमत को जानकर आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। पहले जिस डीएपी ख्वाब 1350 रुपए में खरीदे थे उसे डीएपी को अब आप मात्र 1265 रुपए में खरीदोगे सीधी आपकी 85 रुपए की बचत होने वाली है 50 किलो डीएपी की बोरी पर। बहुत सारे पहले से ही किसान जीएसटी कम होने से पहले डीएपी पर अपना खर्चा कम कर रहे थे क्योंकि उन्हें पता है कि आखिरकार बीजेपी का कैसे इस्तेमाल करना है जादूगर किसानों को ड्यूटी का इस्तेमाल करना नहीं आता है जिसकी वजह से उनका इस पर खर्च बढ़ता ही जाता है। बहुत सारे समझदार किस ऐसे हैं जिन्होंने अपना डीएपी का खर्चा आदि से भी काम कर दिया है।
कैसे कम होगा डीएपी का खर्चा
डीएपी का खर्चा कम करने का सबसे साधारण तरीका यह है कि आपको डीएपी का उपयोग करना सीख लेना चाहिए ज्यादातर किसानों को डीएपी का उपयोग करना नहीं आता है जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन उनका खर्च बढ़ता ही जा रहा है अब आखिरकार सवाल ही उड़ता है कि आखिरकार डीएपी का उपयोग करने का तरीका क्या है डीएपी का इस्तेमाल भूमि पर किया जाता है तो पहले तो आपको यह जानकारी रखनी चाहिए कि आखिरकार आप अपने खेत के अंदर डीएपी का इस्तेमाल करने जा रहे हो तो उसे मिट्टी को कितनी डीएपी की आवश्यकता है आपको ना तो जरूर से कम डीएपी डालना है।
धऔर ना ही जरूरत से ज्यादा डीएपी डालना है क्योंकि दोनों के ही अपने-अपने नुकसान है आपको संतुलित मात्रा में डीएपी डालना है जिस तरह से भोजन में नमक डाला जाता है उसी तरीके से आपको भूमि में डीएपी को डालना है लेकिन ज्यादातर किसान इस बात को नहीं समझते हैं वह अंधाधुन एक-दो कट्टा डीएपी भूमि में डाल देते हैं जिसके परिणाम उनको आज नजर नहीं आएगा इसका दुष्परिणाम उन्हें आने वाले दो-तीन साल में नजर आएगा।बंद
अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार कैसे मालूम किया जाए की भूमि को कितने डीएपी की आवश्यकता है तो इसका सीधा सा समाधान है कि आपको अपनी भूमि की मिट्टी की जांच करवा लेनी है अपने आसपास किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर सरकार की तरफ से मिट्टी की जांच करना बिल्कुल निशुल्क है।
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