Jhalawar School News : झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मृत्यु, एक व्यक्ति की गलती ने ली 7 मासूम बच्चों की जान

सुनकर बहुत बुरा लगा राजस्थान के झालावाड़ के अंदर सरकारी स्कूल की छत गिरने से इस हादसे में 7 बच्चों की मृत्यु हो गई। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि आखिरकार इसका जिम्मेदार कोन‌? बड़ी मेहनत करने के बाद में इस एक सवाल का जवाब मिल पाया है कि आखिरकार इस घटना का जिम्मेदार कौन है। यदि यह घटना किसी प्राइवेट स्कूल के साथ में होती तो अब तक उसका लाइसेंस रद्द हो चुका होता। लेकिन यहां पर किसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा। जैसे जी यह खबर पहले तो शिक्षा मंत्री की तरफ से एक आदेश आया, जिसके अंदर साफ कराया गया था कि स्कूल के प्रधान ने अध्यापक और इसके अलावा चार शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। लेकिन इससे होगा क्या इसके अंदर क्या गलती हकीकत में स्कूल को संचालन करने वाले व्यक्तियों की थी। या सरकार की। यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है।

भारत में शिक्षा मंत्रियों का क्या काम

क्या आपको पता है शिक्षा मंत्री का क्या काम है। आपको इसके बारे में बिल्कुल भी पता नहीं है। क्योंकि अभी तक शिक्षा मंत्री ने कोई काम किया ही नहीं है। यदि आपको यह पता होता शिक्षा मंत्री का क्या काम है। तो आज ऐसी यह घटना होती ही नहीं भारत की सबसे बड़ी विडंबना तो यह है, कि यहां पर मंत्री तो बनाए जाते हैं। लेकिन वह राजनीति करने के अलावा जिस क्षेत्र के वह मंत्री बनाए गए हैं। उस क्षेत्र में बिल्कुल भी काम नहीं करते हैं। मेरा चैलेंज है आपको वर्तमान समय के अंदर जो शिक्षा मंत्री है उनके द्वारा किए हुए कोई 10 काम आप गिनवा दीजिए। आप मुश्किल से पांच भी नहीं गिनवा सकते हो। क्योंकि इन्होंने कोई ऐसा काम किया ही नहीं।

तो अब सवाल भी उठना है कि आखिरकार शिक्षा मंत्री को शिक्षा मंत्री बनाया ही क्यों गया है। जब उन्होंने कोई काम नहीं किया यदि कोई काम होता तो वह लोगों को अच्छी तरीके से याद होता। सरकार केवल एक ही समय काम करती है, वह चुनाव के दौरान चुनाव खत्म होने के बाद में सरकार किसी तरह का काम नहीं करती है। अगर मंत्री जी से गिनती के पांच सवाल भी पूछ लिए जाए ना तो वह उनका जवाब नहीं दे सकते हैं। केवल मंत्री जी से इतना पूछ लिया जाए की राज्य के अंदर कितने प्राथमिक विद्यालय हैं कितने प्राथमिक विद्यालय हैं और कितने उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। कितने गर्ल्स स्कूल है ? इन सभी सवालों से मंत्री जी के पसीने छूट जाएंगे।

सबसे कमाल की बात तो यह है कि यदि आप मंत्री जी से ऊपर पूछे गए प्रश्न से संबंधित केवल यह सवाल भी पूछ लोगे ना कि आखिरकार प्राथमिक विद्यालय कितनी कक्षा तक रहता है। तो उनको यह भी जवाब पता नहीं होगा। क्योंकि जब किसी मंत्री को मंत्री बनाया जाता है, ना तो उसकी योग्यता नहीं देखी की जाती है। बस देखा जाता है तो एक काम, की उसने पार्टी को जीतने के लिए कितना पैसा दिया है। और कितनी मेहनत की है। इन्हें वोट देकर मंत्री बनाने वाला व्यक्ति कौन है ? इन्हें वोट देकर मंत्री बनने वाले आप‌‌ हो, लेकिन हकीकत तो यह है कि आपको भी इस बात से नहीं पड़ी है, कि आखिरकार मंत्री जी क्या करते हैं? बस आपको इस बात से अच्छा लगता है, कि जो मंत्री है वह हमारी जाति का है, वह हमारे गांव में आता है, और हम से दो बातें कर कर चला जाता है। बस आपको मंत्री जी से केवल यही काम है।

इसके अलावा आपको मंत्री जी से और कोई काम नहीं है। इससे साफ समझ में आता है, इस घटना के जिम्मेदार ना तो कोई मंत्री है। ना कोई राजनीति पार्टी, इस घटना के पूरी जिम्मेदार आप खुद हो। जो आपने ऐसे नेताओं को चुनकर सीट पर बैठा रखा है। समय आ गया है। अपनी शक्ति को पहचानने का। समय आ गया है। नेताओं से काम करवाने का। लेकिन यह सब बात बेकार है क्योंकि यह बात जिंदा व्यक्तियों से तो हो ही नहीं रही है। भारत की 95% से भी ज्यादा जनता केवल जिंदा लाश है। उन्हें यह सब तो नजर आता ही नहीं है, उन्हें नजर आता है, केवल धर्म के नाम पर होने वाली राजनीति। जिस दिन जनता को यह सभी चीज नजर आने लग गई उस दिन भारत की तस्वीर अलग होगी।

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बहुत जीवन जी लिया जिंदा लाश बनकर अब समय आ गया है आवाज उठाने का। उठो और सवाल करो इन मंत्रियों से ताकि यह मजबूर हो काम करने को।

सीधा सवाल मंत्री जी आपने क्या काम किया। इतने समय में उसका हमें पूरा लेखा-जोखा चाहिए। हकीकत आपके सामने होगी। सवाल इतना पूछो कि सभी मंत्री काम करने के लिए तैयार हो जाए। यदि ऐसा नहीं कर सकते हो। तो तैयार रहना दोबारा किसी स्कूल की छत गिरेगी। कहीं पर कोई पल टूटेगा। कहीं पर कोई बैंक डूबेगा।

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