मुगल काल की कई सारी ऐसी बातें हैं जो की लोगों से छुपाई जाती है और बच्चों को स्कूल में इन्हें बिल्कुल भी नहीं पढ़ाया गया है लेकिन वही कुछ इतिहासकारों ने ऐसी हिम्मत दिखाई है जो उन्होंने अपनी किताबों के माध्यम से मुगल काल के कुछ रहस्य के बारे में पर्दा उठाया है इसमें से सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि उसे समय पर जो मुगल काल में दासिया होती थी वह आज के कलेक्टर से भी ज्यादा पैसा कमाया करती थी इस बात को सुनकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन जैसे ही हम आपको उनकी सैलरी के बारे में बताएंगे तो आप का सर चकरा जाएगा।
मुगल हरम में नौकरी करके कितना कमाती थी रानियां की दासियां
मुगल हराम के बारे में इतिहासकारों ने बताते हुए कहा है कि इसके अंदर करीब करीब 5000 से भी अधिक महिलाएं रहती थी। इसके अंदर रानियां रखैल दासिया और काम करने वाली महिला रहती थी। इसकी विशेष बात यह थी कि इसमें कोई भी राजा के अलावा कोई अन्य पुरुष नहीं आज सकता था। इसके लिए सुरक्षा का चिन्मय भी महिलाओं के हाथ नहीं होता था Mughal Harem की सुरक्षा के लिए बाहर से विशेष महिलाएं बुलाई जाती थी जो की शरीर से काफी ताकतवर हुआ करती थी और किसी भी परिस्थिति से आसानी से निपटने के लिए तैयार हुई थी। भारत के एक बहुत प्रसिद्ध इतिहासकार हुए हैं जिनका नाम प्राणनाथ चोपड़ा है उन्होंने अपनी किताब सम एक्सपेक्ट ऑफ सोशल लाइफ ड्यूरिंग द मुगल आगे में लिखते हुए कहा है कि राजा यहां पर अपनी पसंदीदा महिलाओं के लिए अलग कमरा बनवा रखते थे यहां पर जो महिलाएं सुरक्षा का काम करती थी इन महिलाओं को एक महीने का वेतन आज के करीब भारत के ₹1600 के बराबर मिलता था उसे समय पर सोने की कीमत मात्र ₹10 से भी काम हुआ करती थी यानी कि जो महिला सुरक्षा करती थी वह आसानी से हर महीने 1 किलो सोना खरीद सकती थी इतना ज्यादा वेतन उसे महिलाओं को मिलता था। इसी के अलावा वहां पर जो दासी अभी काम करती थी तो किसी पर यदि राजा महाराजा का दिल आ जाता था तो उन्हें उपहार के रूप में गहन बैशकीमती अशरफिया भी मिलती थी।
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